नरसिंहपुर जिले के करेली रजिस्टार ऑफिस में अधिकारियों की अनुपस्थिति के चलते पिछले 15 दिनों से कामकाज ठप पड़ा हुआ है, जिससे आम जनता को भारी परेशानी हो रही है। जमीन-जायदाद की खरीद-फरोख्त के लिए आए लोग और स्टांप वेंडर खाली हाथ लौटने पर मजबूर हैं, क्योंकि रजिस्ट्री की प्रक्रिया पूरी नहीं हो पा रही। यह विभाग शासन को सबसे ज्यादा राजस्व देने वाला है, लेकिन अधिकारियों की कमी ने इसकी कार्यप्रणाली को बुरी तरह प्रभावित किया है।
अन्य क्षेत्रों में भी स्थिति गंभीर
नरसिंहपुर जिले के तेंदूखेड़ा, गाडरवारा, नरसिंहपुर और गोटेगांव में भी रजिस्ट्री विभाग की व्यवस्था चरमरा गई है। शासन ने इन क्षेत्रों में रजिस्ट्री कार्यालय तो स्थापित किए हैं, लेकिन अधिकारियों की कमी के चलते कामकाज ठप है। जबलपुर डिवीजन के अधिकारी प्रभाकर चतुर्वेदी ने भी इस समस्या को स्वीकारते हुए कहा कि अधिकारियों की कमी से सभी जिलों में यही हाल है, और इसका समाधान निकालने की जिम्मेदारी सरकार की है।
नरसिंहपुर के लोग हो रहे परेशान ।
नरसिंहपुर के लोगों में बढ़ती नाराजगी साफ देखी जा सकती है। प्रशांत कौरव, जो पिछले 15 दिनों से अपनी रजिस्ट्री के लिए चक्कर काट रहे हैं, ने बताया कि रजिस्ट्री प्रक्रिया में कई अधिकारियों के हस्ताक्षर की आवश्यकता होती है, लेकिन उनकी अनुपस्थिति के कारण काम आगे नहीं बढ़ पा रहा। वहीं, सोनू विश्वकर्मा, जो अपनी जमीन का बंधक कटवाने आए थे, ने कहा कि गाडरवारा, तेंदूखेड़ा और करेली में कामकाज पूरी तरह ठप है, जिससे लोग काफी परेशान हैं।
शासन की अनदेखी
नरसिंहपुर राजस्व विभाग में अधिकारियों की कमी और शासन की उदासीनता के कारण जनता को कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। जमीन-जायदाद से जुड़े महत्वपूर्ण कार्यों में देरी हो रही है, जिससे लोगों के महत्वपूर्ण काम अटके हुए हैं। अब सभी की निगाहें सरकार पर टिकी हैं कि वह इस गंभीर समस्या का समाधान कब और कैसे करेगी।
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