बेटी की पेटी, जिले में पुलिस की अनोखी मुहिम ।

धार जिले के मनावर में पुलिस विभाग ने महिलाओं और बालिकाओं की सुरक्षा के लिए एक अनोखी और संवेदनशील पहल की शुरुआत की है। नवागत एसडीओपी, आईपीएस अनु बेनीवाल ने ‘बेटी की पेटी’ योजना को लागू किया है, जो महिलाओं और छात्राओं को बिना किसी डर के अपने साथ हुए अपराधों की शिकायत दर्ज करने का एक सुरक्षित माध्यम प्रदान करती है।

बेटी की पेटी.

‘बेटी की पेटी’ की क्या है खासियत?

इस योजना के अंतर्गत शासकीय स्कूलों, सिविल अस्पताल, और बस स्टैंड जैसे सार्वजनिक स्थानों पर विशेष पेटियां लगाई जा रही हैं। इनमें कोई भी महिला या छात्रा अपने साथ हुए उत्पीड़न की शिकायत एक चिट्ठी के माध्यम से इन पेटियों में डाल सकती है। यह पहल खासकर उन महिलाओं और बालिकाओं के लिए है जो किसी कारणवश सीधे तौर पर पुलिस के पास जाने से हिचकिचाती हैं या अपनी शिकायत खुलकर दर्ज नहीं करा पातीं।

शिकायत का होगा गुप्त और संवेदनशील निवारण

पुलिस इस योजना के तहत प्राप्त शिकायतों पर पूरी संवेदनशीलता के साथ कार्रवाई करेगी और शिकायतकर्ता का नाम गुप्त रखा जाएगा। इससे महिलाओं और बालिकाओं को सुरक्षा और न्याय की प्रक्रिया में विश्वास बढ़ेगा। हर हफ्ते एक बार इन पेटियों को खोला जाएगा और इसमें से प्राप्त शिकायतों पर तुरंत कार्रवाई की जाएगी।

सिविल अस्पताल से हुई शुरुआत

योजना की शुरुआत सिविल अस्पताल, शासकीय बालिका विद्यालय और बस स्टैंड पर ‘बेटी की पेटी’ लगाने से की गई है। एसडीओपी अनु बेनीवाल, थाना प्रभारी ईश्वर सिंह चौहान, और एसआई रानी राठौड़ ने खुद मौके पर जाकर इन पेटियों को स्थापित किया। इस अवसर पर अनु बेनीवाल ने सिविल अस्पताल में महिलाओं और स्कूल में छात्राओं से संवाद किया। उन्होंने साइबर अपराध, महिला उत्पीड़न, और अन्य सुरक्षा मुद्दों पर विस्तार से चर्चा की और महिलाओं को जागरूक किया।

बेटियों को मिलेगी भयमुक्त शिक्षा का माहौल

एसडीओपी अनु बेनीवाल ने छात्राओं से कहा कि इस पहल के माध्यम से वे बिना किसी डर के अपनी समस्याओं को साझा कर सकती हैं। यह पहल उन्हें एक भयमुक्त वातावरण में शिक्षा प्राप्त करने का अवसर प्रदान करेगी। पुलिस द्वारा हर शिकायत का संवेदनशीलता और सहानुभूति के साथ निवारण किया जाएगा, ताकि महिलाएं और बालिकाएं सुरक्षित महसूस कर सकें।


‘बेटी की पेटी’ योजना धार जिले में महिला सुरक्षा के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण कदम साबित हो सकती है। यह पहल न सिर्फ महिलाओं और बालिकाओं को सशक्त बनाएगी, बल्कि उनके आत्मविश्वास और सुरक्षा को भी मजबूत करेगी। उम्मीद है कि यह नवाचार अन्य जिलों में भी लागू किया जाएगा, जिससे महिलाओं की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके।

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