राजगढ़ जिले के पिपल्या कला और बाजरोन गांव में शुक्रवार शाम एक गोलगप्पे विक्रेता से पानी-पताशे खाने के बाद 30 से अधिक बच्चे अचानक बीमार हो गए। बच्चों में उल्टी-दस्त, पेट दर्द और घबराहट जैसे लक्षण दिखाई दिए, जिसके चलते रात 10 बजे के बाद एक-एक कर सभी बच्चों को जीरापुर के एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया।

गांव में फैली इस अचानक आपदा से अफरा-तफरी मच गई। अस्पताल में भी देर रात तक इलाज चलता रहा। डॉक्टरों की टीम ने तुरंत बच्चों को ड्रिप लगाई और उनकी स्थिति को नियंत्रित करने का प्रयास किया। ग्रामीणों के अनुसार रात करीब साढ़े 12 बजे तक 30 से अधिक बच्चों को भर्ती किया जा चुका था।
ग्रामीणों ने बताया कि बाजरोन गांव में शुक्रवार शाम करीब 5 बजे एक बाइक सवार गोलगप्पे विक्रेता आया था, जिससे गांव के कई बच्चों ने पानी-पताशे खाए। इसके कुछ घंटों बाद ही बच्चों की तबीयत बिगड़नी शुरू हो गई।
इस घटना ने एक बार फिर सड़कों पर मिलने वाले फूड आइटम्स की गुणवत्ता पर सवाल खड़े कर दिए हैं। एक ठेले वाले ने नाम न बताने की शर्त पर बताया कि जिले में कई जगह पानी-पताशे के लिए नींबू, इमली और मसालों की जगह केमिकल युक्त सिरप और घटिया पानी का इस्तेमाल किया जा रहा है।
हालांकि, अब तक न तो खाद्य विभाग ने कोई जांच की है, और न ही इन विक्रेताओं से सामग्री के नमूने लिए गए हैं। इस लापरवाही पर ग्रामीणों ने नाराज़गी जताई है और प्रशासन से सख्त कार्रवाई की मांग की है।